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मील के पत्थर
रोमियो ओ रोमियो
यूपी में जो एंटी रोमियों स्क्वाड बना है, उस से मुझे अपने बचपन के दिनों पर अतिरेक हर्ष हो रहा है. हर्ष का दूसरा विषय ये है कि मैं बिहार में हूँ, जो यूपी के पास है पर यूपी नहीं है. थोडा मुझे नीति- निर्धारण करने वालों की सोच पर भी हर्ष हो रहा है कि वो किस गफलत में क्या कर बैठे हैं. बचपन से जो मुझे प्रेम का अनुभव रहा है और जिस प्रकार तथाकथित मनचले रगेदे जा रहे हैं, मुझे यूपी वाली पुलिस पर भी अफ़सोस हो रहा है. वो प्रेमियों की मनोस्थिति और प्रेमिकाओं की गुंडागर्दी समझने में असफल रहे हैं. इस से यही निष्कर्ष निकलता है कि हो सकता है एंटी रोमियो स्क्वाड वाले या तो एकतरफ़ा प्यार वाले रहे होंगे या भगवान ने उन्हें भाग्यशाली समझा होगा इसीलिए उनके पैसे और ह्रदय का ख्याल करते हुए उनके जीवन में प्यार का प्रवेश कराया ही नहीं होगा. दो तीन परिस्थितियों पर ध्यान देना आवश्यक है. पहले तो भारत में प्रेम का व्यवहारिक पक्ष समझा जाए. १. अगर लड़के को प्रेम हो गया ...
"विद यु विदआउट यु " के लेखक प्रभात रंजन से शुभम की बातचीत
पटना के नये लेख़क प्रभात रंजन यूँ तो पेशे से इंजीनियर हैं लेकिन आजकल लेखन के क्षेत्र में लोग इन्हें जानने लगे हैं। उसकी वजह हैं इनकी पहली पुस्तक 'विद यु विदआउट यु'। इस महीने रिलीज के बाद यह किताबों हिंदी पाठकों के बीच चर्चा में हैं। आज मैंने प्रभात रंजन से बातचीत की। 1. आपको पहली किताब की बधाई। आप अपने बारे में और अपनी किताब के बारे में हमें कुछ बताएं। उत्तर- धन्यवाद। मैं भारतीय रेल में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हूँI विद यू विदाउट कहानी है सच्चे प्यार और सच्ची दोस्ती की परिभाषा गढ़ते, उसे तलाशते और उसे अपने हिसाब से जीते निशिन्द,आदित्य और रमी की। ‘बचपन की अल्हड़ता’ और ‘व्यस्क होने पर की गम्भीरता’ के बीच पनपी दो प्रेम कहानियाँ जो आपस में उलझ कर सम्पूर्णता की चाह में मानवीय रिश्तों के भीतर और बाहर के तमाम अन्तर्द्वन्द से जद्दोजहद करते हुए जीवन के कई यक्ष प्रश्नों का साक्षात्कार करती हैं और उनके उत्तर ढून्ढती हैं। 2. विद यु विदाउट यु कैसी उपन्यास है? यह किस तरह के पाठकों के लिए है? हिंदी किताब का इंग्लिश शीर्षक... इस विषय पर आपकी कोई राय? उत्तर- वस्तुत यह एक लव ट्रायंगल है लेकिन य...