अँचल के रेणु- निशान्त
एक फणीश्वरनाथ रेणु के गाँव जैसा ही हमारा गाँव भी है। आखिर वह कौन सी चीज़ है जो एक कथाकार या साहित्यकार को कालजयी बना देती है। भले ही इस बात में भारी विरोधाभास हो सकता है कि” एक साहित्य अमर होता है या उसको लिखने वाला साहित्यकार”। ठीक उसी तरह यह भी कहा जा सकता है कि “कथानक अमर होता है या कथाकार”। मुझे वह दिन आज भी अच्छी तरह याद है जब मैंने रेणु को पहली बार पढ़ा था। वह दिन शायद फाल्गुन मास का कोई दिन था और कहानी थी ठेस। करीब दस वर्ष पहले रेणु को पढ़ा और उसके बाद गाँवों...